नोएडा- कालिंदी कुंज बॉर्डर पर लगा लंबा जाम किसान आंदोलन के कारण जाम में फंसी रही पब्लिक:
आज मंगलवार को किसानों के दिल्ली कूच अभियान का असर नोएडा में भी देखने को मिला. यहा प्रमुख सड़कों पर जो खासतौर पर दिल्ली की और जाती है, उन सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है. नोएडा से कालिंदी कुंज बॉर्डर पर 5 किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम लग गया है।
किसानों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली कूच’ का ऐलान किया था, जिसके कारण मंगलवार को हरियाणा-पंजाब की सीमाओ पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प की घटनाएं सामने आ रही है। हरियाणा मे शंभू बॉर्डर और जींद बॉर्डर मे पुलिस और आंदोलन कर रहे किसान आमने- सामने आ गए,जहा एक तरफ पुलिस किसानों के उपेर वाटर कैनन और आँसू गैस के जरिए रोकने की कोशिश की तो वही कई जगहों से पुलिस पर पथराव की खबरे आ रही है. इस आंदोलन का असर अटर प्रदेश के दिल्ली से सीमावर्ती शहर नोएडा में दिखा जा रहा है।
नोएडा में किसान का आंदोलन का भी असर:
यहां प्रमुख सड़कों पर जो खासतौर पर दिल्ली की ओर जाती हैं, उन पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया. सामने आया है कि, नोएडा कालिंदी कुंज बॉर्डर पर लगा 5 किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम देखने को मिल रहा है। वही, महामाया से लेकर नोएडा गेट तक भी जाम लगा है। NH9 का दिल्ली जाने वाला रास्ता फिलहाल बंद है.किसानों के ‘दिल्ली चलो' मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने की घोषणा
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हम जो बात रखना चाह रहे हैं वो कोई नई नहीं है. ये सब हमारे साथ पहले से किया गया वादा है. हमने बार-बार सरकार का उसी के इन वादों के बारे में ध्यान खींचा. लेकिन सरकार ने अभी इस मामले में अभी तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई.”
उधर किसानों की मांगों को लेकर अलग-अलग किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 16 फरवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद करने की घोषणा की हुई है.
शंभू बॉर्डर के नज़दीक किसानों पर आंसू गैस और रबर बुलेट के इस्तेमाल करने की एसकेएम ने बयान जारी कर निंदा की है.
संगठन का कहना है कि उसे इस बात पर हैरत है कि प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराए.
संगठन ने बयान जारी कर अपने सभी किसान संगठन सदस्यों से 16 फरवरी को किसानों पर बल प्रयोग करने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की अपील की है.
एसकेएम ने कहा है कि ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षाबलों का इस्तेमाल दिखाता है कि मोदी सरकार जनता में अपना भरोसा खो चुकी है. एक लोकतांत्रिक समाज में हर नागरिक के पास शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है.’
एसकेएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर तुरंत सुरक्षाबलों को हटाने की मांग की है. साथ ही मांग की है कि किसानों को दिल्ली चलो प्रदर्शन का आयोजन करने दिया जाए और किसानों-मजदूरों की मांग को माना जाए.