अखिलेश यादव ने लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट से दिये 5 संदेश
यूपी के पूर्व Cm और समाजवादी पार्टी के मुखिया श्री अखिलेश यादव जी ने लोकसभा चुनावों के लिए 16 सदस्यो की लिस्ट जारी कर के एक संदेश दिया है. सबसे मजबूत संदेश कांग्रेस और यादव जाति के लिए है. समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को होने वाली आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है. पार्टी ने पहली लिस्ट मे 16 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है. समाजवादी पार्टी की इस सूची को देखकर 5 बैट क्लियार हो गया है. इंडिया गठबंधन की बैठकों के बीच अखिलेश से सपा उम्मीदरों की लिस्ट जारी करके ये संदेश दिया है कि उन्हे चुनाव मे सीट शेयरिंग अपने हिसाब से करनी है. काँग्रेस नाराज होती है तो हो होने दो वो यूपी मे कोई भेदभाव नहीं करने वाले है. इस बार एटा और फर्रूखाबाद की सीट से यादव प्रत्याशियों को टिकट नहीं दिया जाएगा. यादव के नाम पर केवल अखिलेश यादव अपने परिवार के तीन लोगों को ऐसी सीट दी गई है.जहा से समाजवादी पार्टी की जीत लगभग सुनिश्चित रहती है. मतलब साफ है की परिवार सुरक्षित तो पार्टी सुरक्षित.
- अखिलेश यादव अपनी शर्तों पर ही करेंगे सीट शेयरिंग.
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश मे अपने 16 उम्मीदवारों का नाम घोषित करके यह बताया है. उन्हे कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की कोई परवाह नहीं है. इसके पहले भी बिना कांग्रेस की सलाह को समाजवादी पार्टी ने रलोड के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया था. उसके बाद एक तरफा काँग्रेस के लिए 11 सीटे ऑफर कर दी गई. जाहिर है की यह सब कांग्रेस को चिढ़ने वाला कहा जाएगा. यूपी मे गठबंधन को लेकर अभी सस्पेंस बन रही था अब अखिलेश यादव ने अपने 16 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिए है. इन 16 सीटों मे करीब 3 सीटे ऐसी है जहा से कांग्रेस अपनी उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है फर्रुखाबाद उन्नाव और अयोध्या से कांग्रेस अपनी उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है. इन सीटों से कांग्रेस के उम्मीदवार हाल के दौर तक जीतते आ रहे है. उन्नाव से अनु टंडन कांग्रेस से एमपी रह चुकी है. फर्रुखाबाद से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का गढ़ है. अयोध्या से 2014 से 2019 तक पहले कांग्रेस 2020 मे कांग्रेस की सीट रही है. दरअसल इन सीटों से समाजवादी पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं है जो जीतता हुआ नजर आ रहा हो और बहुत मजबूत हो
- पार्टी से पहले परिवार का सुरक्षा
अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया ने लोकसभा चुनाव की 16 प्रत्याशी की लिस्ट मे केवल तीन यादव प्रत्याशी है और वो तीनों प्रत्याशी मुलायम सिंह के परिवार के सदस्य है. इन तीनों के लिए उत्तर प्रदेश मे सीट को सुरक्षित रखी गई है. जहा से उनका जीतना पक्का है. डिम्पल यादव मैनपुरी से अक्षय यादव फिरोजाबाद से और धर्मेन्द्र यादव बदयू से चुनाव लड़ेगे.इन सीटों पर समाजवादी पार्टी के किसी भी सदस्य की जीत किसी अन्य सीट के मुकाबले आसान है. इसे यह संदेश जाता है की अखिलेश यादव पार्टी से पहले अपने परिवार के रखते है .
- पहली लिस्ट मे नहीं मिल टिकट ब्राह्मण-वैश्य
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आज 16 सदस्य की जारी करके साफ किया की पार्टी सख्ती से चलने वाली है. पहली लिस्ट मे कोई ब्राह्मण ठाकुर और वैश्य को टिकट नहीं दिया गया है. पार्टी की पहले लिस्ट मे 11 ओबीसी, 1 मुस्लिम, 1 ठाकुर,2 पाल शामिल है. 11 ओबीसी टिकटों मे 4 कुर्मी,3 यादव, 2 शाक्य, 1 निषाद और एक पाल है. और परिवार को छोड़ कर किसी यादव को टिकट नहीं मिला है केवल परिवार के 3 सदस्य को ही टिकट मिल है.
- पिछड़ो को संदेश देने की कोशिश, एटा और फर्रुखाबाद यादवों की जगह पर शाक्य जातियों
समाजवादी पार्टी का साफ संदेश देनी की कोशिश की गई है की अब समाजवादी पार्टी सिर्फ यादवों को नहीं सभी पिछड़ी के लोगों के लिए दरवाजे खोल दिए गए है .अयोध्या लोकसभा सीट पर दलित वर्ग के प्रत्याशी को टिकट देकर क्या संदेश देने की कोशिश की जा रही है. एटा और फर्रुखाबाद मे शाक्य बिरादरी के नेता को टिकट दिया गया समाजवादी पार्टी पहली बार फर्रुखाबाद से यादव को टिकट नहीं मिला है.
- शाफ़िकुर रहमान बर्क को टिकट देने का मतलब हिन्दुत्व को टाटा
16 प्रत्याशियों की लिस्ट मे से केवल एक मुस्लिम प्रत्याशी है. और सारे मुस्लिम प्रत्याशियों के बराबर एक ही काफी है. शाफ़िकुर समाजवादी के वह चेहरा है जो अप ने बयानों के चलते काफी सुर्खियों मे रहते है. उनके बयान से हिन्दू मुसलमानों के बीच का फासला रहता है. बर्क को 94 की उम्र मे टिकट देकर अखिलेश यादव ने ये संदेश दिया है की हिन्दू मुस्लिम एक है . समाजवादी पार्टी ने सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है.
पार्टी के प्रत्याशियों की सूची
The list of Lok Sabha candidates released by Akhilesh Yadav includes 5 messages. The socialistic party aims to open its doors for not just the Yadav community but also for all marginalized individuals. By allotting a ticket to a Dalit candidate in the Ayodhya constituency, they are attempting to convey a message. Additionally, tickets have been given to leaders from the Shakya community in Etah and Farrukhabad. Notably, Akhilesh Yadav did not receive a ticket from Farrukhabad for the first time. Out of the 16 candidates, there is only one Muslim candidate, Shafiqur Samajwadi, who has gained attention through his statements that bridge the gap between Hindus and Muslims. By giving a ticket to 94-year-old Barkat Ali, Akhilesh Yadav has emphasized the unity of Hindus and Muslims. The Samajwadi party has announced the list of candidates for the seats.